जोधपुर। गत सप्ताह चली धूल भरी हवाआें के कारण किसानों की अच्छी पैदावार की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। बताया गया है कि जिले में चली धूल भरी आंधियों के कारण फसलों और सब्जियों का भारी खराबा हुआ है। इसके साथ ही फूलों व कपास की पैदावार में भी भारी गिरावट होगी।
जिले में पिछले दिनों करीब एक सप्ताह तक धूल भरी हवाआें का कहर रहा था। इन धूल भरी हवाआें के कारण सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का उठाना पड़ा है। कृषि विशेषज्ञों की माने तो तेज हवाओं से जिले के कृषि क्षेत्रों में 42 हजार हेक्टेयर भूमि पर बोई गई कपास की 25 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई है। वहीं सब्जियों व फूलों की पैदावार में भी गिरावट आई है। कर्ज लेकर बोई गई फसलों में ही किसान अपनी पूंजी लगा चुके है। अब किसानों के पास दुबारा बुवाई के अलावा कोई उपाय नहीं बचा है। पुन: बुवाई से लागत भी दोगुनी हो जाएगी, जिससे उत्पादन के बाद लागत भी नहीं निकलने की आशंका से किसान चिंतित हैं।
25 प्रतिशत से अधिक पौधे उखड़े
धूल भरी आंधियों से हालांकि सभी खड़ी फसलों में खराबा हुआ है, पर सर्वाधिक खराबा कपास की फसल में हुआ है। जिले के सभी कृषि क्षेत्रों में कपास की बुवाई हो चुकी है और फसल के अंकुरित होते ही धूल भरी आंधियों से भूमि में हुए कटाव के कारण इस फसल के 25 प्रतिशत से अधिक पौधे उखडक़र नष्ट हो गए है। तेज हवा के चलते मिट्टी के कटाव से अगेती मूंगफली की फसल में भी नुकसान हुआ है। मिट्टी के कटाव के चलते पौधे अंकुरण अवस्था में ही उखड़ गए है।
सब्जी व फूल भी आए चपेट में
आंधी का असर सब्जियों की फसलों और फूलों की खेती पर भी हुआ है। जिले में वर्तमान में करेला, भिंडी, बैंगन, ककड़ी, तरबूज व खरबूजे की फसलों के साथ गुलाब और हजारे के पुष्पों की खेती हुई है। इन सभी पर आंधियों का प्रभाव पडऩे से इनकी पैदावार में गिरावट आई है। किसानों का कहना है कि आंधी से धनिया व पुदीना की फसल की पैदावार में 50 प्रतिशत गिरावट आई है। इनकी प्रत्येक दूसरे दिन कटाई होती थी लेकिन आंधी के चलते इनकी बढ़़वार रुक गई है। एक सप्ताह से कटाई भी नहीं हुई है।