पिछले कई दशकों से जिस तरह से कर्ज के बोझ तले दबकर किसान आत्महत्या कर रहे है उसी विषय के ढर्रे पर चलते हुए हिमांशु त्रिपाठी अभिनित फिल्म से किसानों को अब अपने आत्महत्या पर न कि सौ बार सोचना होगा बल्कि इस फिल्म से प्रेरणा लेते हुए उन्हें जीवन को कैसे आनंदमय तरीके से जीना चाहिए उसकी भी सीख प्राप्त होगी. इस संदर्भ में स्वयं हिमांशु त्रिपाठी ने बताया कि जब उन्हें इस फिल्म में अभिनय करने के लिए कहा गया तो उन्होंने तुरंत हां कर दिया, क्योंकि हमारे देश में किसानों की जो दशा और दुर्दशा है वह बेहद दिल को झकझोर देनेवाली है, ऐसे में निर्देशक अशफाक खोफिकर निर्देशित यह फिल्म किसानों के लिए नया आत्मबल लेकर आयेगी. हम आपकों बता दें कि अब नहीं करेंगे किसान आत्महत्या के टाईटल से एक लघु फिल्म का निर्माण अशफाक खोफिकर के निर्देशन में किया जा रहा है. जिसमें अभिनेता का किरदार जय लोढिय़ा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता हिमांशु त्रिपाठी कर रहे है. फिल्म की शूटिंग देश के कई हिस्सों में पूरे जोर-शोर के साथ की जा रही है. इसी संदर्भ में सिलवासा की हरी-भरी वादियों में फिल्म शूटिंग के कुछ पलों में हिमांशु त्रिपाठी ने इस फिल्म को किसानों के लिए एक ऐसी सीख की फिल्म माना जिससे उन्हें आत्महत्या करने से पहले १०० बार सोचना होगा. उन्होंने कहा कि इस फिल्म की पटकथा बेहद ही रोचक है. इसमें एक किसान कैसे कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या जैसे फैसले पर न कि पुर्नविचार करता है बल्कि मुश्किल से लडऩे की ताकत प्राप्त करता है. उन्होंने कहा कि यह फिल्म बेहद रोचक है और यह किसानों को आत्मबल प्रदान करेगी.
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