अब दमन-दीव की उन वेबसाइटों की बात करते है जिनपर लाखों रुपये तो प्रशासन खर्च कर रही है लेकिन उन वेबसाइटों के असली मालिक प्रशासन नहीं बल्कि कोई और ही है। ज्ञात कि वेबसाइट में सबसे मुख्य होता वेबसाइट domain और यहां तो उसका मालिक कोई और ही बताया जा रहा है, अब कुल तीन वेबसाइट ऐसी है जिन पर दमन दीव पर्यटन विभाग का लोगो तथा अन्य जानकारियाँ दी गई है एवं उन तीन में से दो ऐसी है जिनके मालिक कोई और ही है, पहली है damandiutourism.in पंजीकरण की दिनांक 09-05-2013, वेबसाइट के मालिक के तौर पर नाम “दमन ऑनलाइन” जबकि इस वेबसाइट पर दमन-दीव प्रशासन के पर्यटन विभाग की जानकारियाँ एवं लोगो लगा है, उसके बाद दूसरी वेबसाइट है dddnhtourism.com इस वेबसाइट के पंजीकरण की दिनांक 30-07-2014 तथा इस वेबसाइट पर भी पर्यटन विभाग के बारे में जानकारी एवं पर्यटन विभाग के लोगो उपलब्ध है लेकिन इस वेबसाइट के मालिक के तौर पर “जयेश जोशी” कांदिवली का पता दिया हुआ है इन दोनों वेबसाइटों में से damandiutourism.in नाम की वेबसाइट पर खुले तौर पर विज्ञापन लेने का ऑनलाइन कारोबार किया जा रहा है तथा damandiutourism.in में ऐसे कई विज्ञापन है जो अन्य प्रदेशों में सेर-सपाटे के लिए प्रोत्साहित कर रही है। तीसरी वेबसाइट है diutourism.co.in और इस वेबसाइट का पंजीकरण 13-07-2006 को बताया जाता है तथा इस वेबसाइट के मालिक के तौर पर दीव टूरिज़म डिपार्टमेन्ट का नाम मिला है लेकिन इसी वेबसाइट का क्लोन (डुप्लीकेट) dddnhtourism.com लगाया हुआ है।


टूरिज़म डिपार्टमेन्ट के नाम पर चल रही है तीन–तीन वेबसाइटे, दो का मालिक कोई और, अब चौथी बनाने की तैयारी।
अब क्या प्रशासन इस बात का जबाव देगी कि damandiutourism.in तथा dddnhtourism.com का असली मालिक कोन है? तथा इन वेबसाइटों पर प्रशासन के कितना खर्चा किया एवं यदि प्रशासन द्वारा ही यह दोनों वेबसाइटे बनवाई गई है तो दमन-दीव प्रशासन ने इनका मालिकाना हक रखे बिना यह वेबसाइटे कैसे बनवाई और कैसे किसी निजी व्यक्ति की संपत्ति के विस्तार और विकास के लिए प्रशासन ने सरकारी खजाने में से भुगतान किया। हो ना हो इस मामले में घोटाले और गड़बड़ी के सिवाय कुछ नहीं दिखता बस दिखती है तो प्रशासनिक अधिकारियों कि कमाउनीति और कामचोरी जिसका जवाब प्रशासक को उनके निलंबन से देना होगा जो इस प्रकार कि अनियमितताओं में भागीदार है।
dnhtourism.com यह वो चोथी वेबसाइट है जिसका पंजीकरण हालही में किया गया है लेकिन अब इसका मालिक कोन है यह अब तक पता नहीं चला, जब यह वेबसाइट बनकर तैयार हो जाएगी तब ही पता चलेगा कि इसका मालिक कोन है और इसका पंजीकरण किस प्रयोजन से करवाया गया।
दमन-दीव पर्यटन विभाग की वेबसाइटों पर अन्य प्रदेशों में भ्रमण के लिए विज्ञापन!
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