
बिहार वेलफेयर संघ के तमाम सदस्यों ने बुधवार की रात्रि परम पुज्य राधे गुरु मां का उनके बोरीवली पश्चिम में स्थित निवास स्थान पर पहुंच दर्शन किया. इस खास अवसर पर बिहार वेलफेयर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपुल सिंह ने उन्हें आध्यात्मिक दुनिया की अलौकिक शक्ति बताते हुए कहा कि उनका जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित है और वे इस धरती पर प्रेम-भाईचारे की गंगा बहाने के साथ दीन दुखियों का उद्यार करने के दृष्टिकोण से आयी है. इस खास अवसर पर उनके तमाम सहयोगियों ने दर्शन पा अपने जीवन को धन्य और सार्थक बताया. हम आपकों बता दें कि परम पुज्य श्री राधे गुरु मां पिछले २७ सालों से आध्यात्मिक दुनिया में तपस्यालीन है. वे लोक कल्याण के लिए न कि समर्पित है बल्कि दीन-दुखियों के उत्थान के लिए चौबिस घंटे प्रयत्नशील. उनके अनुआयियों की तादाद लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में है. आज देश का बच्चा-बच्चा उनके ममतामयी रूप का कायल है. लोगों में हमेशा उनके दर्शन की होड़ लगी रहती है. ऐसे ही बुधवार रात को उनके दर्शन का सौभाग्य बिहार वेलफेयर संघ के तमाम सदस्यों को प्राप्त हुआ. जो वापी से ममतामयी श्री राधे गुरु मां के दर्शन के अभिलाषी हो उनके बोरीवली पश्चिम निवास स्थान पर पहुंचे. राधे मां ने न कि उन्हें दर्शन दिये बल्कि उन्हें जीवन के पदचिन्हों पर चलने की कुछ मूल मंत्रों पर भी प्रकाश डाला. दर्शन के उपरांत संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपुल सिंह ने कहा कि राधे मां का जन्म विश्व कल्याण और मानव के उत्थान हेतु इस धरती पर हुआ है. उनके एक नहीं बल्कि अनेक कार्य है. जिसका सीधा फायदा समाज के दीन-दुखियों के साथ पीडि़त और शोषित वर्गों को प्राप्त हो रहा है. उन्होंने ममतामयी राधे गुरु मां को विश्व की एक ऐसी धरोहर माना जिसकी बराबरी शायद ही कोई कर सके. उन्होंने कहा कि देवी-दुर्गा के ९ रूपों में अगर एक रूप श्री राधे गुरु मां का कहें तो कोई गलत नहीं होगा. उनके दर्शन से उनका मन बाग-बाग हो उठा है और वे श्री राधे गुरु मां के प्रति आजीवन श्रद्घा के सैलाब में न कि डूबकी लगायेंगे बल्कि उनके बताये पदचिन्हों पर चलने की कोशिश भी करेंगे. इस खास अवसर पर उनके साथ गये तमाम लोगों ने भी अपनी खुशी का ईजहार करते हुए श्री राधे गुरु मां को संसार की अलौकिक शक्ति करार दिया और कहा कि देश के तमाम भ्रष्ट प्रवृत्ति के लोगों से आरोपों के प्रहार से श्री राधे गुरु मां को जिस तरह से पीड़ा पहुंचायी गयी है वह विश्वहित में ठीक नहीं है, फिर भी राधे गुरु मां दर्द के सैलाब में हमेशा अपने भक्तों के बीच अपना मुस्कुराता हुआ चेहरा लेकर उपस्थित होती रही है. यही तो है ममतामयी श्री राधे गुरु मां का अलौकिक रूप.