
अशोक गहलोत ने कहा कि रविवार को जो घटना हुई थी, उसने मुझे हिलाकर रख दिया है। इससे यह संदेश गया कि जैसे मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं। इसे लेकर मैंने सोनिया गांधी जी से माफी मांगी है। हमारे यहां एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने का तो प्रस्ताव रहा ही है। दुर्भाग्य की बात रही कि वह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। मैं उसे पारित नहीं करा पाया तो सीएम रहने के चलते मैं अपनी गलती मानता हूं। राजस्थान के सीएम ने कहा कि पूरे देश में मुझे लेकर गलत माहौल बनाया गया।
क्या सोनिया का भरोसा नहीं जीत पाए गहलोत, काम नहीं आई माफी!
अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि जो हुआ है, उस हालात में मैने तय किया है कि अब कांग्रेस अध्यक्ष का इलेक्शन नहीं लड़ूंगा। अशोक गहलोत के ही बयान से उनके सीएम बने रहने को लेकर भी संशय पैदा हो गया है। 10 जनपथ के बाहर मीडिया ने जब उनसे सीएम पद को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला भी सोनिया गांधी को ही लेना है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अशोक गहलोत से सोनिया गांधी की नाराजगी बरकरार है। बता दें कि आज ही सचिन पायलट की भी सोनिया गांधी से मुलाकात होनी है। उसके बाद राजस्थान को लेकर कुछ अहम फैसला हो सकता है।
अध्यक्ष चुनाव की रेस में अब दो ही नेता- दिग्विजय और थरूर
मौजूदा हालात में अब कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में दिग्विजय सिंह और शशि थरूर ही बचे दिख रहे हैं। यदि अंतिम वक्त में किसी और की एंट्री होती है तो यह अलग बात है। दिग्विजय सिंह और शशि थरूर दोनों ने ही कल नामांकन दाखिल करने की बात कही है। वहीं दिग्विजय सिंह और शशि थरूर ने मुलाकात भी की है। ऐसे में इस बात को लेकर भी कयास लग रहे हैं कि कहीं दिग्विजय के समर्थन में शशि थरूर अपना नाम ही न वापस ले लें।
दिग्विजय बनाम थरूर की ओर बढ़ रहा कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ऐसे समय नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं लोकसभा सदस्य शशि थरूर पहले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं और वह 30 सितंबर को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। 75 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी अशोक गहलोत की तरह गांधी परिवार के लंबे समय से वफादार हैं। ऐसे में गांधी परिवार दिग्विजय सिंह को मैदान में आगे कर सकता है।