
जानकारी मिली है कि, संध प्रदेश दमण में रात 9.30 बजे के आसपास भीमपोर के दो युवक अजय पटेल उर्फ अजय मांजरा एवं धीरज पटेल वापी की ओर से दमण आ रहे थे। इसी दौरान दाभेल के विशाल बार के पास महाराष्ट्र पंजीकरण की सफेद रंग की स्कॉर्पियों में आये हमलावरों ने उनकी गाडी को टक्कर मारकर रोका और उन पर फायरिंग शुरु कर दी।
अजय मांजरा एवं धीरज पटेल अपनी जान बचाने के लिए बार के अंदर भागे लेकिन हमलावरों ने उनका पीछा किया और बार के अंदर जाकर दोनों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही संघ प्रदेशों के डीआईजीपी बी. के. सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गये थे। उन्होंने बताया कि यह वारदात रात 9.30 बजे के बाद घटित हुई है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने नाकाबंदी कर हत्यारों को पकडने के लिए कवायद तेज कर दी है। इस घटना को अंजाम देने के लिए सफेद कलर की स्कॉर्पियों में हमलावरों के आने की जानकारी मिली है। जिसके लिए हमने चेक पोस्ट पर लगे सभी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक करना शुरु कर दिया है कि पूरे दिन भर में सफेद कलर की कितनी स्कॉर्पियों गुजरी है।
डीआईजीपी का कहना था कि बार के अंदर घुसकर हमलावरों ने इस वारदात को अंजाम दिया है तो हमें कई पुख्ता सबूत भी मिलेगे जिससे आरोपियों तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सकेगा। इस मामले में उन्होंने ठोस सबूत भी मिलने की बात कही।
ज्ञात हो कि कुछ माह पहले भी, भीमपोर क्षेत्र में अजय रमण पटेल उर्फ अजय मांजरा पर फाइरिंग हुई थी, तब उस जानलेवा फाइरिंग में अजय पटेल की जान बाल-बाल बची, पूर्व में हुई फाइरिंग में अजय पटेल ने दमण पुलिस को अपनी शिकायत में यह जानकारी दी थी कि उन्हे इस मामले में भीमपोर निवासी सुरेश पटेल उर्फ सूखा पर शंका है, अजय पटेल द्वारा की गई शिकायत पर क्या कार्यवाही हुई और कैसी कार्यवाही हुई अब तो यह भी जांच का विषय बन चुकी है।
इन सभी बिन्दुयों पर भी खुल-कर करेंगे पूरी बात, थोड़ी और पड़ताल के बाद …..
- जब तक अपराधी स्वतंत्र है निर्दोष की जान खतरे में है!
- प्रशासन की गोद में गुन्हेगार और जनता की छाती में गोलिया!
- मरने वाले को पता था कि मारने वाला कोन है लेकिन फिर भी भ्रष्ट अधिकारियों ने उसकी एक ना सुनी!
- दमण में और कितनी लाशों पर होगी राजनीति और कब गुन्हेगारों को मिलेगी सजा?
- क्या सच लिखने वाले पत्रकार इस प्रदेश में अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकते है?
- क्या माफियागिरी और भाईगीरी पर खुलासे करने वाले पत्रकारो की सुरक्षा प्रशासन कर सकती है?
इन सभी बिन्दुयों पर भी खुल-कर करेंगे पूरी बात, थोड़ी और पड़ताल के बाद …..
संध प्रदेश दमण के अलग-अलग क्षेत्रो में अलग-अलग भाई अपनी भाईगीरी और माफियागिरी की जो अवैध दुकान बे-हिचक चला रहे है वह अवैध दुकान कब तक चलती रहेगी और कब तक दमण-दीव की जनता उस अवैध दुकान का शिकार बन अपनी जान गवाती रहेगी? इस सवाल का जवाब आज दमण की जनता, दमण-दीव की प्रशासन से मांग रही है। यह सवाल इस लिए भी है क्यो की बार बार दमण में हो रही फाइरिंग और जानलेवा हमलो की एक बड़ी वजह भाईगीरी, दादागिरी और हफ्ता-वसूली है, ऐसे मे जब तक भाईगीरी और हफ्ता वसूली पर अंकुश नहीं लगता तब तक कैसे जनता को सडको पर हो रही गोलीबारी से निजात मिलेगी यह भी काफी विचारणीय प्रश्न है।
वैसे क्रांति भास्कर हिन्दी समाचार पत्र दमण में चली आ रही भाईगीरी और माफियागिरी पर कई खुलासे कर चुकी है, कई खबरे प्रमुखता से प्रकाशित कर चुकी है, इतना ही ऐसे कई नामों का खुलासा भी कर चुकी है जिनके नाम भाईगीरी और माफियागिरी में लिए जाते रहे है तथा जिनके संरक्षण में भाईगीरी और माफियागिरी पनपती रही है, लेकिन लगता है प्रशासन को जांच से अधिक दिलचस्पी पोस्टमार्टम में है क्यो की लाश सवाल नहीं करती!
देखने वाली बात यह भी है कि दमण-दीव एक विशेष प्रदेश है और इस विशेष प्रदेश में लाखों पर्यटक आते है यहां हजारो की तादात में छोटे-बड़े उधोग है तथा उधोग्पतियों का दमण में निवास भी है। अब ऐसे में दमण में हुई इस घटना के बाद जहां एक तरफ भय का माहोल बना हुआ है वही दूसरी और जनता, उधोगपति और पत्रकार सभी असुरक्षित दिखाई पड़ते है, वैसे फिलवक्त इस विषय में जनता के मन में यह सवाल भी है की यह सब किसकी शह पर हो रहा है और इस सब का मुख्य सूत्रधार कोन है?
फिलवक्त दमण में बार बार भाईगीरी और माफियागिरी के नंगे नाच को देखते हुए प्रशासक प्रफुल पटेल को चाहिए की इस मामले में सच सामने लाने के लिए तथा हमेशा हमेशा के लिए ऐसे मामलो पर अंकुश लगाने के लिए, इस मामले की सीबीआई से जांच करवाए ताकि गुनहगारो को बच निकालने का कोई मोका ना मिल सके तथा आने वाले समय में ऐसे मामलों में हमेशा के लिए अंकुश लग सके। शेष फिर
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दमन में माफियागिरी और भाईगीरी का नंगा नाच, दिन-दहाड़े, अजय पटेल पर दो-राउंड फाइरिंग!
ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक कीजिए और पढिए OCTOBER 2017 की इस खबर को। OCTOBER 2017 में अजय पटेल पर हुई फाइरिंग में अजय पटेल ने जिस पर शंका जताई थी उस पर क्यो नहीं हुई कोई ठोस कार्यवाही? OCTOBER 2017 में हुई फाइरिंग मामले में केवल क्रांति भास्कर ने ही प्रकाशित की थी पूरी खबर और अजय पटेल ने जिस पर शंका जताई थी उस उसका नाम भी किया था उजागर!