
लोकसभा चुनाव 2019 से एक माह पहले पूरे देश में मोदी लहर फ़ैल चुकी थी ऐसे में दादरा नगर हवेली में भाजपा उम्मीदवार नटु पटेल का जीतना लगभग तय माना जा रहा था। इस चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हसमुख भण्डारी, सिलवासा नगर पालिका अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान, नपा काउंसिलर फतेहसिंह चौहान और भाजपा महामंत्री अनिल पटेल समेत भाजपा के छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं ने भरपूर मेहनत की।
इस चुनाव में नटु पटेल ने अपने आप को मुख्यधारा की मीडिया से दूर रखा और उसकी जगह सोशल मीडिया के अधकचड़े ज्ञान रखने वाले अर्ध-विशेषज्ञो पर पूरा भरोसा जताया और इन अधकचड़े विशेषज्ञों ने उस समय ऐसी ऐसी ऊटपटाँग पोस्टे डाली की पूरा परिदृश्य ही बदल गया, जिसकी वजह से नटु पटेल चुनाव जीतते जीतते भी बुरी तरह हार गए।
इसकी तुलना में नटु पटेल के विरोधी मोहन डेलकर ने सोशल मीडिया के साथ साथ मुख्यधारा की मीडिया का भी सहारा लिया और परिणाम यह हुआ की मोहन डेलकर दानह भाजपा की जी-तोड़ मेहनत और मोदी लहर के बावजूद चुनाव जीत गए। नटु पटेल की यह हार पूरी तरह नटु फैलियर है।
इस चुनाव में नटु पटेल चुनाव के हर विभाग में बुरी तरह फेल हुए, चाहे वह भाजपा संगठन को एकजुट करने का मामला हो या व्यवस्थित चुनाव प्रचार का मामला हो या फिर चाहे चुनाव रणनीति बनाने का मामला हो। नटु पटेल हर विभाग में फेल हुए और यही कारण है जिसके चलते नटु पटेल 9000 वोटो से हार गए। चुनाव हारने के बाद दादरा नगर हवेली भाजपा में खलबली मच गई, मोदी लहर के बावजूद, हार जाना नटु पटेल को रास नहीं आया, इसके बाद नटु पटेल के समर्थको ने इस हार का ठीकरा, दानह भाजपा अध्यक्ष हसमुख भण्डारी, दानह भाजपा युवा अध्यक्ष तेजस ढोढ़िया, सिलवासा नगर पालिका अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान और संगठन मंत्री विवेक धाड़कर के सिर पर फोड़ दिया।। जबकि जनता को साफ साफ दिख-रहा था की यह चुनाव भाजपा कार्यकर्ताओं की ढीला-ढपोली की वजह से नहीं बल्कि नटु पटेल के नेतृत्व की अक्षमता की वजह से हारी।
दरअसल नटु पटेल ने अपने प्रिय फेसबुकियों को ही अपना सर्वस्व मान लिया था, तो उनका फेल होना स्वाभाविक था, इसके बाद फेसबुकियों ने नटु पटेल की अक्षमता छुपाने के लिए, सोशल मीडिया पर एक मुहिम चलाकर दानह भाजपा प्रमुख हसमुख भण्डारी, युवा भाजपा प्रमुख तेजस ढोढ़िया को हटाने की मांग शुरू कर दी और लगे हाथ नटु पटेल को दानह भाजपा प्रमुख बनाने तथा क्षितिज यादव को दानह भाजपा का युवा प्रमुख बनाने की पोस्ट डालनी, शुरू कर दी।
हालांकि जनता को यह बात हजम नहीं हो रही है की जो चुनाव हारा नहीं उससे इस्तीफ़ा मांगा जा रहा है और जो चुनाव हार चुका है उसे दानह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की जा रही है, कई प्रबुद्ध नेताओं का मानना है की इस अनुचित मांग से दानह भाजपा संगठन के छिन्न-भिन्न होने का खतरा बढ़ गया है, इससे बेहतर तो यह होगा की भाजपा आला-कमान नटु पटेल को ही भाजपा से बाहर का रास्ता दिखा दे ताकि भाजपा संगठन को बचाया जा सके।
हसमुख भण्डारी और तेजस ने ना चुनाव लड़े, ना चुनाव हारे फिर भी नटु प्रेमी चाहते है, दोनों प्रमुख नेताओं का इस्तीफा।