
लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम काफी चौकाने वाले रहे, इस चुनाव में बड़े बड़े महारथी धरशाही हुए जिसमे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल थे, इस लोकसभा में वे दो जगहो से चुनाव लड़े, जिनमे से उन्हे एक जगह से जीत हासिल हुई जबकि एक जगह वे हार गए। अमेठी की महत्वपूर्ण सीट गवाने के बाद राहुल गांधी को यह बात समझ में आ गई की अध्यक्ष पद की कुर्सी संभालने की क्षमता उनमे नहीं है, इसके बाद देश में कांग्रेस की हुई हार को स्वीकार करते हुए उन्होने अपना इस्तीफ़ा कांग्रेस हाई कमान को सोंप दिया।
हालांकि कांग्रेस कमिटी ने इस्तीफा उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है फिर भी राहुल गांधी अपना इस्तीफा देने हुए पर अड़े हुए है, दूसरी तरफ अगर संध प्रदेश दमण-दीव कांग्रेस की बात की जाए तो केतन पटेल लगातार 2 लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी अब तक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने हुए है। नैतिकता के आधार पर अब तक उन्हे अपना इस्तीफा दे देना चाहिए था, केतन पटेल ना तो दमण कांग्रेस को जिला पंचायत चुनाव जीता पाए, ना ही नगर पालिका के चुनाव जीता पाए, इसके बाद भी वे कांग्रेस अध्यक्ष पद की कुर्सी से चिपके हुए है, अब तो लोग कहने लगे है की राहुल गांधी को एक सीट हारते ही अकल आ गई थी और उन्होने मारे शर्म के इस्तीफा दे दिया था, लेकिन केतन पटेल लगातार हार के बाद भी कुर्सी से चिपके हुए है वे अपना इस्तीफा कब देंगे? उनकी हठ धर्मिता देखते हुए दमण में चर्चा होने लगी है जब तक कांग्रेस का दमण-दीव से पूरी तरह सफाया नहीं हो जाएगा तब तक केतन पटेल अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देंगे, लोग अब तो यह भी कहने लगे है की अपनी इज्जत बचाने के लिए केतन पटेल कांग्रेस की मटिया पलित करने में लगे हुए है, अब देखना यह है की केतन पटेल कब तक कांग्रेस पर बोझ बने हुए रहते है?
2009 में केतन पटेल के पिता डाहया पटेल चुनाव हारे, 2014 और 2019 में केतन पटेल चुनाव हारे, अब जनता जानना चाहती है की केतन पटेल को हार का रिकार्ड बनाने के लिए कांग्रेस का अध्यक्ष पद मिला है या कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए?
दमण-दीव के चापलूस पत्रकार, डाहया पटेल को कई बार दमण-दीव की राजनीति का भीष्म-पितामह घोषित कर चुके है, लेकिन किसे पता था कि डाहया पटेल दमण-दीव कांग्रेस को शयया पर लिटा देंगे?
केतन पटेल का रवैया फ़िलहाल यही बता रहा है जैसे वो राहुल गांधी को कह रहे हो हम तों डूबेंगे ही तुमको भी ले डूबेंगे सनम!