फिर से नई गाइडलाइन जारी : केंद्र ने राज्यों से कहा- संक्रमण रोकने के लिए पाबंदी लगा सकते हैं।

Covid

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को कोरोना पर नई गाइडलाइन जारी की है। इस पूरे मामले कि जानकारी से पहले एक सवाल लाज़मी है और वह यह कि अब तक कुल कितनी बार तथा कितनी गाइडलाइन जारी हो चुकी है क्या इस बात कि जानकारी आम जनता को है? जिसे जानकारी नहीं है यदि उससे गइडलाइन या नियमो का उलंधन हो गया तो दोषी किसे समझा जाएगा? गाइडलाइन जारी करने के बाद, गइडलाइन कि जानकारी देश कि तमाम जनता के पास पहुंचे उसके लिए भी सरकार को खास ध्यान देने कि जरूरत है। केंद्र ने कहा है कि राज्यों को सावधानी बरतनी चाहिए। निगरानी, कंटेनमेंट और सावधानी के लिहाज से उन्हें सख्ती बरतनी होगी। राज्यों को छूट दी गई है कि वो अपने हालात के हिसाब से पाबंदियां लागू कर सकते हैं। वैसे देखा जाए तो जनता अब तक यह नहीं समझ पाई है कि चुनाव के समय और त्योहारों के समय सरकार ने सख्ती क्यों दिखाई?

नई गइडलाइन के अनुसार, कंटेनमेंट जोन में नाइट कर्फ्यू भी लगा सकते हैं। हालांकि, केंद्र ने यह भी साफ किया है कि कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने के लिए केंद्र की मंजूरी लेनी होगी। केंद्र की यह गाइडलाइन 1 दिसंबर से लागू होगी। केंद्र ने कहा कि अब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमने जो कामयाबी हासिल की है, उसे बरकरार रखना है।

क्या है नई गाइडलाइन…

  • राज्यों को छूट दी गई है कि वे अपने यहां के हालात को देखते हुए खुद से पाबंदियां लगा सकते हैं।
  • राज्यों को कंटेनमेंट जोन में नियमों का सख्ती से पालन कराना होगा। सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करना होगा।
  • सभी जिलों में बनने वाले कंटेनमेंट जोन की लिस्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। इसे हेल्थ मिनिस्ट्री से भी शेयर करना होगा।
  • जिले की एडमिनिस्ट्रेशन को केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस का पालन कराना होगा।
  • सर्विलांस टीम घर-घर जाकर कोरोना के लक्षण वालों की पहचान करेगी। प्रोटोकाल के हिसाब से टेस्टिंग कराई जाए।
  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों की लिस्ट बने। उनकी पहचान कर ट्रैक किया जाए और क्वारैंटाइन किया जाए।
  • संक्रमित व्यक्ति का तुरंत इलाज शुरू किया जाए। उसे होम आइसोलेशन में रखा जाए। जरूरत होने पर अस्पताल में भर्ती किया जाए।
  • ILI और SARI केसेस को सर्विलांस किया जाए और मोबाइल यूनिट उनके संपर्क में रहें।
  • पाबंदियां लागू करने और नियमों के पालन के लिए लोकल डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस जिम्मेदार होंगे।
  • राज्य और यूनियन टेरिटरी को ऑफिसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना है। जिन शहरों में वीकली 10% पॉजिटिविटी रेट है, वहां ऑफिस टाइमिंग में बदलाव और दूसरे जरूरी कदम उठाएं।
  • सोशल डिस्टेंस के लिहाज से ऑफिस में एक समय में ज्यादा स्टाफ न हो ।

केंद्र सरकार ने दो महीने पहले कोरोना के बीच अनलॉक-5 की गाइडलाइंस जारी की थीं। इसके तहत त्योहारों के सीजन को देखते हुए सरकार ने अनलॉक-5 में छूट बढ़ाई थी। लेकिन अब हालत बदल रहे है चुनाव खत्म हो चुके है ऐसे में सरकार किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहती! वाजिब सी बात है जब कोरोना के मामले बढ़ेंगे तो सरकार पर बोझ भी बढ़ेगा और लॉकडाउन लगाना पड़ा तो फिर से जनता को मुफ्त में अनाज देना पड़ेगा, इस लिए जानकारों का मानना है कि सरकार पूरी तरह लॉकडाउन लगाने के बजाए रात्री में लॉकडाउन लगाने पर अधिक बल देगी जिससे सरकार पर किसी तरह का बोझ ना पड़े।