माह्यावंशी समाज के तेजस्वी विद्यार्थियों को किया गया सम्मानित

माह्यावंशी समाज के तेजस्वी विद्यार्थियों को किया गया सम्मानित | Kranti Bhaskar
Vapi Mahyavanshi samaj
वापी : शिक्षण का प्रमाण बढऩे से समाज जागृत हुआ है, उक्त बात राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारीता तथा महिला एवं बाल कल्याण मंत्री आत्माराम परमार ने वलसाड स्थित मोंधाभाई हॉल में माह्यावंशी शिक्षण प्रचारक संघ द्वारा आयोजित तेजस्वी विद्यार्थियों के सम्मान के अवसर पर कहा. प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को माह्यावंशी शिक्षण प्रचारक संघ द्वारा आयोजित तेजस्वी विद्यार्थियों के सम्मान कार्यक्रम का राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा महिला एवं बाल कल्याण मंत्री आत्माराम परमार ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया. इस अवसर पर मंत्रीजी ने कहा कि शिक्षण ही समाज को सही दिशा देने का माध्यम है.
  • समाज को सही दिशा देने का माध्यम है शिक्षा : मंत्री आत्माराम परमार
समाज में रहने वाले कुरिवाजों एवं अंधश्रद्धा, शिक्षण से नाबूद हो सकता है, आज के आधुनिक एवं प्रतियोगीता के युग में माह्यावंशी समाज को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करना पड़ेगा. माह्यावंशी समाज बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ में अग्रसर रहा है. समाज के बालकों को उच्च शिक्षण दिलाकर अन्य समाज के साथ प्रतियोगीता करें यह जरूरी है. राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के लिए कई योजनाओं अमल में लायी गयी है जिसका लाभ लेकर उच्च शिक्षण प्राप्त करने की बात कही. इस अवसर पर मंत्रीजी ने समाज के वीरपुरूषों की यशगाथा को याद किया और समाज के भूतकाल को भी याद किया. माह्यावंशी शिक्षण प्रचारक संघ द्वारा प्रकाशित सौरभ बुक का विमोचन भी मंत्री आत्माराम परमार के हाथों से किया गया. कार्यक्रम में माह्यावंशी शिक्षण प्रचारक संघ द्वारा कक्षा-1 में प्रवेश लेने वाले बालकों को शाला प्रवेशोत्सव मनाकर महानुभावों के हाथों स्कूल बैग का वितरण किया गया. जबकि कक्षा 1 से 9 एवं 11वीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले बालकों, कक्षा 10 एवं 12वीं में अधिक अंक प्राप्त करने वाले तथा उच्च अभ्यास करने वाले समाज के बालकों को नगद ईनाम एवं मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर पारडी विधायक कनुभाई देसाई एवं संपत बारोट ने प्रासंगिक प्रवचन किया. कार्यक्रम में वलसाड नगरपालिका की प्रमुख सोनलबेन सोलंकी, माह्यावंशी शिक्षण प्रचारक संघ के प्रमुख रतिलालभाई, वलसाड प्रांत अधिकारी के.जे.भगोरा, मामलतदार सहित माह्यावंशी समाज के विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं समाज के काफी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही.