
वित्त मंत्रालय के मुताबिक तीन महीने तक मुफ्त राशन की स्कीम को आगे बढ़ाने से खजाने पर 45,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। सरकारी सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अपने पास जमा खाद्यान्न के स्टॉक की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया है। फिलहाल सरकार के पास बड़े पैमाने पर खाद्यान्न उपलब्ध है। इससे पहले चर्चाएं थीं कि शायद मुफ्त राशन की स्कीम को अब बंद कर दिया जाएगा, लेकिन इस फैसले को राजनीतिक लिहाज से भी देखा जा रहा है।
अगले तीन महीनों में गुजरात और हिमाचल में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में स्कीम को तीन महीने के लिए बढ़ाने के फैसले को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। कोरोना काल में केंद्र सरकार की ओर पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से इस स्कीम का ऐलान किया गया था। इसके तहत हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त राशन दिया जाता है।
मुफ्त राशन स्कीम का 80 करोड़ लोगों को मिल रहा फायदा
इस स्कीम का फायदा देश के करीब 80 करोड़ गरीब लोगों को मिल रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत इतना ही राशन सब्सिडी पर पहले से मिलता रहा है, लेकिन पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाला राशन इससे अलग है। बता दें कि कोरोना काल में लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद में इस योजना को अहम माना गया था।
किसे, कितना और कैसे मिलेगा फायदा?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत भारत के करीब 80 करोड़ राशनकार्ड धारकों को प्रति महीना, प्रति सदस्य 5 किलो ज्यादा अनाज (गेहूं-चावल) मिलता है. बता दें कि देश के जिस नागरिक के पास भी राशन कार्ड उपलब्ध है, उसे अपने कोटे के राशन के साथ-साथ इस योजना के तहत हर महीने 5 किलो अतिरिक्त राशन मिल रहा है. इस योजना के तहत मुफ्त अनाज आपको उसी राशन की दुकान पर मिलेगा, जहां से राशन कार्ड पर मिलता है.
इसके साथ केंद्र सरकार की इस स्कीम के तहत मुफ्त अनाज का फायदा उन लोगों के लिए नहीं है, जिनका राशन कार्ड नहीं है. यह योजना राशनकार्ड धारकों तक ही सीमित है, जिनकी संख्या देश में 80 करोड़ से ज्यादा है.