मोहन को कांग्रेस का बाय-बाय जल्द, केतन पटेल के जिम्मे दानह कांग्रेस!

Mohan Delkar Silvassa
Mohan Delkar Silvassa

संध प्रदेश दादरा नगर हवेली के नेता मोहन डेलकर का गुरूर दो बार लोक सभा हारने के बाद भी बरकरार दिखा! शायद इसी गुरूर के चलते अब मोहन डेलकर को यह लगने लगा है की दादरा नगर हवेली में वह कांग्रेस में है तो ही दादरा नगर हवेली में कांग्रेस है वरना दादरा नगर हवेली में कांग्रेस कुछ भी नहीं। यदि यही बात है तो मोहन डेलकर के लिए एक बुरी ख़बर है।

दमण-दीव कांग्रेस अध्यक्ष केतन पटेल, दादरा नगर हवेली लोक सभा सीट के लिए कांग्रेस का उम्मीदवार ख़ोज रहे है। क्रांति भास्कर के साथ बात-चित में केतन पटेल ने बताया कि, मोहन डेलकर, दादरा नगर हवेली से कांग्रेस की टिकिट पर चुनाव लड़ेंगे तय नहीं है यदि मोहन डेलकर ने दादरा नगर हवेली से निर्दलीय चुनाव लड़ा तो कांग्रेस भी दादरा नगर हवेली में अपना उम्मीदवार उतरेगी, केतन पटेल ने बताया की कांग्रेस आला कमान ने उन्हे यह ज़िम्मेदारी दी है।

ज्ञात हो कि पिछले लम्बे समय से मोहन डेलकर को कांग्रेस के ध्वज-बेनर तले रेली, सभा या कार्यक्रम करते नहीं देखा गया। मोहन डेलकर भी कभी भूतपूर्व सांसद तो कभी आदिवासी नेता के तौर पर ही राजनीति करते रहे। मोहन डेलकर की इस राजनीति को देखकर जनता में कई बार यह सवाल भी खड़े हुए की मोहन डेलकर कांग्रेस में है या उन्होने कांग्रेस छोड़ दी है? आधिकारिक तौर पर तो मोहन डेलकर कि और से जनता को इस सवाल का जवाब नहीं मिला। बस मोहन डेलकर के सहायक एवं सहयोगियों द्वारा यही ख़बर मिलती रही मोहन डेलकर के कांग्रेस छोड़ने वाली बात झूठी है और मोहन डेलकर आज भी दादरा नगर हवेली कांग्रेस के अध्यक्ष है।

सभी को यही लगा की जैसे जैसे चुनाव का समय नज़दिक आएगा, सभी सवालो पर से पर्दा भी उठ जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जैसे जैसे चुनाव का समय नज़दिक आ रहा है वैसे वैसे जनता में मोहन डेलकर की राजनीति को लेकर सवाल और अधिक तेज़ होते गए। जनता को इन सवालो का जवाब मिले, इससे पहले एक नए सवाल ने बाजार गर्म कर दिया कि, क्या 14 फरवरी को धरमपुर में होने वाली कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा में दादरा नगर हवेली के कांग्रेस अध्यक्ष मोहन डेलकर जाएंगे या नहीं? इस सवाल का जवाब तो जनता को मिल गया। 14 फरवरी को धरमपुर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा हुई, लेकिन दादरा नगर हवेली कांग्रेस अध्यक्ष मोहन डेलकर उस सभा में नहीं पहुंचे।

जबकि वलसाड के पूर्व सांसद किशन पटेल ने क्रांति भास्कर को बात-चीत में बताया की दादरा नगर हवेली कांग्रेस अध्यक्ष मोहन डेलकर और दमण-दीव कांग्रेस अध्यक्ष केतन पटेल दोनों को सभा में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। केतन पटेल तो सभा में शामिल हुए लेकिन मोहन डेलकर कही नहीं दिखाई दिए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा में मोहन डेलकर का शामिल ना होना इस बात की पुष्टि करता है की उन्हे राहुल गांधी और कांग्रेस में कोई रुचि नहीं। अब यह मोहन डेलकर का आत्मविश्वास है या अभिमान इसका फ़ेसला तो सवय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मोहन डेलकर ही करे तो ही बेहतर होगा। वैसे मोहन डेलकर की इस राजनीति को कुछ लोग मोहन डेलकर का गुरूर बता रहे है। कुछ लोगो का कहना है की कही ऐसा ना हो जाए की दादरा नगर हवेली कांग्रेस को हाशिये पर लाने वाले मोहन डेलकर सवय हाशिये का शिकार हो जाए। क्यो की राजनीति में समय कब किसके पक्ष में करवट लेले कुछ कहा नहीं जा सकता। हालांकि पूर्ण रूप से सभी सवालो का जवाब तब ही मिल पाएगा जब सवय मोहन डेलकर इस बात का जवाब दे की वह कांग्रेस में या नहीं और कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगे या नहीं? बस इस वक्त की स्थ्ति देखकर तो यदि लगता है की मोहन डेलकर इस बार कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ने का मन बना चुके है।

वैसे उक्त ख़बर लिखने से पहले, मोहन डेलकर से संपर्क करने का प्रयत्न किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। दादरा नगर हवेली की जनता भी जानती है की मोहन डेलकर से संपर्क करना आसान काम नहीं। भले-ही चुनाव क्यो ना सर पर हो, मोहन को कोई चिंता नहीं। दो बार हार का स्वाद चखा है तो कई बार जीत का जश्न भी मनाया है।