
संध प्रदेश दमन-दीव व दानह में हजारो की संख्या में नो-जवान बेरोज़गारी से जूझ रहे है, ना नोकरी है ना व्यवसाय तथा व्यापार हेतु पूंजी, उच्च शिक्षा के बाद अब तो वह निवेश भी वापस नहीं मिल सकता जो शिक्षा एवं शिक्षित होने के लिए किया था। अब ऐसे यदि समय पर रोजगार ना मिले तो यह काफी चिंता का विषय है, क्यो की सरकार ने रोजगार हेतु उम्र पहले से तय की हुई है तो ऐसे में उनका क्या होगा जिनकी उम्र रोजगार की तलाश तलाश और आश में बीतती जा रही है।
जिस प्रकार एक अधिकारी के पास दर्जनों अतिरिक्त प्रभार है उसे देखकर लगता है कि एक अधिकारी दर्जनों बेरोजगारो की नोकरी दबाए बैठा है।
संध प्रदेश दमन-दीव व दानह में सेकड़ों सरकारी पद खाली पड़े है, तथा दर्जनों पद ऐसे है जिनका प्रभार एक ही अधिकारी की देख-रेख में है, यदि अतिरिक्त प्रभार की परंपरा को खत्म कर दिया जाए एवं दमन-दीव व दानह में रिक्त पड़े तमाम पद भर दिए जाए तो दमन-दीव व दानह में सेकड़ों नो-जवानों को रोजगार मिल सकता है। बशर्ते इसमे देरी ना हो।
संध प्रदेश दमन-दीव व दानह के प्रशासक के पास यदि विकास के अलावे जनता के रोजगार के बारे में सोचने का समय हो तो इस मामल में अवश्य सोचे और उन तमाम खाली पदों पर दमन-दीव व दानह के स्थानिय बेरोज़गार नागरिकों को योग्यता अनुसार काम करने का अवसर प्रदान करें। शेष फिर