
दमन नगर निगम और दमन के बिल्डर इन दिनों एक मामले को लेकर काफी चर्चे में है। मामला है उन इमारतों के अस्तित्व का जिनके निर्माण तहत नियमों को ताख पर रख इमारतों का निर्माण किया गया, मामला है नियमों के उलंधन का और उन ग्राहकों से लूट का जिनहोने भरोसा कर अपनी सारी पूंजी उन इमारतों में झोंक दी जिनके निर्माण आज अवैध बताए जाते है, मामला है कंप्लीशन सर्टिफिकेट का, और बिल्डरों की ग्राहकों के साथ धोखा-धड़ी का।
संध प्रदेश दमन और दमन में बनी बड़ी बड़ी इमारतों के कंप्लीशन सर्टिफिकेट मामले को वर्षों बीत गए, लेकिन अब तक दमन की बिल्डिंगों के कंप्लीशन सर्टिफिकेट का मामला जस के तस है, ना ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिले, ना ही उन इमारतों पर कोई ठोस कार्यवाही देखने को मिली जिनके पास कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं है, ना ही उन बिल्डरों पर कोई ठोस कार्यवाही देखने को मिली जिनहोने नियमों को ताख पर रख मनमाने ढंग से इमारतों का निर्माण किया। यह और बात है कि जब भी अवैध इमारतों तथा कंप्लीशन सर्टिफिकेट का मामला सामने आया, तब तब दमन बिल्डर एसोसिएसन सक्रिय होकर सामने आता दिखाई दिया।
इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ, जैसे ही दमन समाहर्ता द्वारा अवैध बिल्डिंगों से बिजली-पानी काटने की बात कही गई वैसे ही तत्काल आनन-फानन में, दमन बिल्डर एसोसिएसन एक बार फिर से सक्रिय होकर सामने आया। समाहर्ता द्वारा कही गई इस बात व आदेश पर कोई ठोस कार्यवाही हो उससे पहले ही नजीर डिंगमार, दमन बिल्डर एसोसिएसन के अध्यक्ष बनकर, डीएमसी के चीफ ऑफिसर, डीएमसी के अध्यक्ष शौकत मिठानी तथा भाजपा अध्यक्ष गोपाल टंडेल के पास पहुँच गए, और उनसे इस मामले में कोई निराकरण निकालने की बात कही।
निराकरण क्या निकला और क्या निकलेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन कोई निराकरण निकले उससे पहले ही, अपने आप को बिल्डर एसोसिएसन का अध्यक्ष बताने वाले बिल्डर नजीर डिंगमार ने उस बिल्डर एसोसिएसन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया जिसका अस्तित्व भी उसी इमारत की तरह सवालों के घेरे में है जिनहे दमन नगर निगम वैध नहीं मानती।
फिलवक्त समाहर्ता द्वारा जारी आदेश अधर में लटका हुआ बताया जाता है, बताया जाता है कि समाहर्ता द्वारा अवैध इमारतों पर जो कार्यवाही करने की बात कही गई थी उस पर भी तक किसी प्रकार का अमल नहीं हुआ है, इसका कारण क्या है यह तो प्रशासन और समाहर्ता महोदय ही जाने लेकिन समाहर्ता द्वारा इस मामले में लिए गए संज्ञान पर कोई कार्यवाही नहीं होना अपने आप में कई सवालों को जन्म देता है। आने वाले समय में भी अब उन अवैध इमारतों पर कार्यवाही होगी या नहीं यह सवाल भी अभी तक जस के तस है।
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यहां बिल्डिंगे ही नहीं एसोसिएसन भी अवैध बताए जाते है।
दमन के जाने माने बिल्डर नजीर डिंगमार, अपने आप को कभी दमन के बिल्डर एसोसिएसन का अध्यक्ष बताकर तो कभी प्रशासन एवं डीएमसी के सामने बिल्डरों की और से गुहार लगाकर, तो कभी उक्त एसोसिएसन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर कोनसा खेल खेल रहे है और क्या खिचड़ी पका रहे है इसकी तहक़ीक़ात और जांच दमन प्रशासन सवय करें तो ही बेहतर होगा। वैसे दमन बिल्डर एसोसिएसन के बारे में जो जानकारी क्रांति भास्कर को मिली है वह दमन प्रशासन तथा जनता दोनों के होश उड़ाने वाली है।
दमन बिल्डर एसोसिएसन के बारे में क्रांति भास्कर को बड़ी चौकाने वाली जानकारी मिली है, बताया जाता है कि जिस तरह उक्त बिल्डरों की इमारते अवैध है वैसे ही उक्त बिल्डरों का एसोसिएसन भी अवैध है, बताया जाता है की जिस बिल्डर एसोसिएसन के अध्यक्ष बनकर अब तक नजीर डिंगमार प्रशासन के सामने आते रहे है उस दमन बिल्डर एसोसिएसन का अभी तक कोई नियमानुसार रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है, शायद दमन की जनता को यह पता ना हो लेकिन प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं होगी यह मानना बा-मुश्किल है। वैसे दमन बिल्डर एसोसिएसन का यह सच जानने के बाद लगता है कि अब तक उक्त अवैध एसोसिएसन द्वारा समय समय पर, एसोसिएसन के नाम पर जो एसोसिएसन-गीरी प्रशासन के सामने की गई, वह केवल और केवल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए ही की गई होगी।