
संघ प्रदेश दमण-दीव विधुत विभाग ओर दादरा नगर हवेली ऊर्जा विभाग, इन दोनों विभागों के कार्यपालक अभियंता मिलिंद इंगले है। दोनों विभागो द्वारा जारी टेण्डर देखकर लगता है अभियंता मिलिंद इंगले का नियमो से कोई नाता नहीं वह विभाग को अपने हिसाब से चलाते आए है ओर आगे भी वह उसी दिशा में काम कर रहे है।
दमण-दीव विधुत विभाग द्वारा जारी निविदाओं के नीचे Copy to लिखा है ओर कुछ चुनिन्दा एजेंसियों ओर ठेकदारों को निविदाओं कि प्रति कॉपी भेजी जा रही है। वही दादरा नगर हवेली ऊर्जा वितरण निगम द्वारा जारी निविदाओं के नीचे भी Copy fd.w.cs. to :- लिखा है, लेकिन उसकी प्रति कॉपी किसी चुनिन्दा एजेंसी अथवा ठेकदारों को नहीं भेजी जा रही है, अब ऐसा क्यो है? दमण-दीव ओर दादरा नगर हवेली के ऊर्जा विभागो के कार्यपालक अभियंता ओर सचिव भी एक ही है, फिर दोनों विभागो की कार्यप्रणाली में इतना अंतर क्यो?
दमण-दीव विधुत विभाग द्वारा जारी निविदा कि यह कॉपी जिनहे भेजी गई उनमे सबसे ऊपर के-के इलेक्ट्रिकल ओर दीपल इलेक्ट्रिकल के नाम है उसके बाद में अन्य एजेंसियों के नाम है। अब, के-के इलेक्ट्रिकल ओर दीपल इलेक्ट्रिकल क्या है, किसकी है, इनके नाम से ठेके कौन लेता है, इनके असली मालिक कौन है? पूर्व में इन दोनों एजेंसियों के नाम पर कितने ठेके आवंटित हो चुके है, पूर्व में उक्त दोनों एजेंसियों के जरिये लालजी ने विभाग को कितना चुना लगाया, इंगले ने लालजी का कितना साथ दिया? शायद इसकी जानकारी, विधुत सचिव ओर प्रशासक प्रफुल पटेल को नहीं है। अगर विधुत सचिव ओर प्रशासक प्रफुल पटेल इसकी जानकारी हंसिल करना चाहते है तो उन्हे 2011 से लेकर अब तक कि सभी शिकायती फाइलों को एक साथ खोलकर देखना होगा। शेष फिर।