
गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते फिलहाल चार बड़े शहरों अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। वही महाराष्ट्र सरकार ने यह साफ कह दिया है की उसके राज्य में प्रवेश के लिए कोविड नेगेटिव होना जरूरी है। हालात अब लॉकडाउन की ओर बढ़ रहे हैं, जिसके डर से एक बार फिर मजूदरों का पलायन शुरू हो गया है। गुजरात के सूरत, वलसाड, वापी, से हजारों की तादाद में मजदूर राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश जाने के लिए नेशनल हाईवे पर जमा हो रहे हैं।

मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद सूरत जिले के करीब 70 फीसदी वर्कर्स अपने घर लौट गए थे। हालांकि अनलॉक के बाद कई मजदूर वापस काम के लिए लौट आए थे लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने फिर से पुराने हालात पैदा कर दिए हैं।
सूरत, वलसाड, वापी, सिलवसा तथा दमण जिले में ज्यादातर मजदूर मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और बिहार के हैं जिनकी वापसी का सिलसिला एक बार फिर शुरू होता देखा गया है। श्रमिकों को भय है की लॉकडाउन के बाद फिर से कही कंपनी प्रबंधन हाथ खड़े ना कर दे, पूर्व में कई श्रमिकों की शिकायत रही है की उन्हे लॉकडाउन के समय का वेतन नहीं मिला, सूरत, वलसाड, वापी, दमण, सिलवसा की कई इकाइयों के बाहर श्रमिक वेतन वसूली के लिए जमा भी हुए लेकिन इकाई प्रबंधन के सामने श्रमिकों की एक ना चली।
वैसे लॉकडाउन के विषय पर जानकारों का मानना है की पूरी तरह तो अब फिर से लॉकडाउन नहीं लगेगा हाँ यदि किसी क्षेत्र में कोरोना के अधिक मामले सामने आते है तो उस क्षेत्र में समय नाइट कर्फ़्यू लग सकता है जैसे की अभी अहमदाबाद और अन्य शहरों में है।