
भारत सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को मज़ाक बनाने की शिक्षा अगर किसी को लेनी हो, तो उसे दमन-दीव व दानह प्रशासन के उन अधिकारियों से ट्रेनिंग लेनी चाहिए, जो प्रतिदिन अपने वाहनों में भ्रमण करने वाले वाहन तक के नियमों का पालन ठीक तरह से नहीं कर सकती!
संध प्रदेश दमन-दीव व दानह में ऐसे कई सरकारी विभाग है, जिन्होने अपनी आवश्यकता अनुसार, गैर-सरकारी ठेकेदारों तथा निजी कंपनियों से वाहन किराए पर ले रखे है, ऐसे कई विभागीय अधिकारी है जो प्रतिदिन उन वाहनों में भ्रमण कर सरकारी काम काज करते है, जिनका किराया सरकार चुकाती है। लेकिन यह विडंबना की बात है कि, जिन वाहनों में संध प्रदेश दमन-दीव व दानह के अधिकारी भ्रमण करते हुए सरकारी काम काज करते है उन वाहनों ने भी कहीं से नियमों को तोड़ने में कसर नहीं छोड़ी।
किराए पर लिए वाहनों पर भी भारत सरकार लिखा कर घूम रहे है सकरारी अधिकारी… कर रहे है भारत साकार का अपमान, खुले तौर पर हो रहा है मोटर वहिकल्स एक्ट का उलंधन।
ज्ञात हो सरकार अपनी आवश्यकता अनुसार वाहन किराए पर ले सकती है, लेकिन उसके भी कुछ नियम है, ठेकेदार और निजी कंपनी जो सरकार को वाहन उपलब्ध करा रही है, वह उन नियमो का पालन नहीं कर रही है जो नियम सवंम सरकार के बनाए हुए है, इस मामले में और बड़े ताज्जुब की बात तो यह है की सरकार में नोकरी करने वाले ही सरकार के नियमों को टूटता देख रहे है और वाहन के लुफ्त उठा रहे है।
सरकार द्वारा किराए पर लिए वाहन उड़ा रहे है, मोटर वहिकल्स एक्ट 192 का मज़ाक।
प्राइवेट रजिस्ट्रेशन के वाहन चल रहे है सरकारी ठेके पर, नियमों की रक्षा करने वाले अधिकारी उन्ही वाहनों में घुम रहे है जो मोटर वहिकल्स एक्ट की अवहेलना कर रहे है।
ज्ञात हो कि, मोटर वहिकल्स एक्ट 192 के तहत प्राइवेट नंबर के वाहन, किसी प्रकार के ठेके तथा कोंटरेक्ट पर नहीं चलाए जा सकते है, ऐसा करने पर वाहन चालने वाले से लेकर वाहन आवंटन करवाने वाली कंपनी तक को दंडित किए जाने का प्रावधान है, इसके अतिरिक्त मोटर वाहिकल्स एक्ट के तहत किसी भी निजी वाहन पर, तथा गैर सरकारी वाहन पर भारत सरकार नहीं लिखा जा सकता, कानून तथा नियमों के अनुसार भारत सरकार उसी वाहन पर अंकित किया जा सकता है जिस वाहन का मालिकाना हक तथा वाहन का पंजीकरण सरकार के नाम पर हो। इसके अलावे आर-टी-ओ तथा मोटर वहिकल्स एक्ट के ऐसे कई नियम है जिन्हे, संध प्रदेश दमन-दीव व दानह के अधिकारी जाने अंजाने भंग होते देखते रहे है, और इस पूरे मामले में मुख्य दोषी वाहन आवंटन करवाने वाली कंपनी है, जिसने मोटर वहिकल्स एक्ट 192 का उलंधन तो किया साथ ही साथ सरकार को चुना भी लगाया, क्यों की प्राइवेट वाहन का टेक्स और टेक्सी के तौर पर उपयोग होने वाले वाहन का टेक्स अलग अलग होता है, संध प्रदेश दमन-दीव व दानह में जीतने भी वाहन निजी कंपनियों अथवा ठेकेदारों से, सरकार ने किराए पर लिए है उन तमाम वाहनों का तत्काल कोंटरेक्ट ख़त्म कर, तमाम वाहनों को जप्त करना चाहिए, यह भी मोटर वहिकल्स एक्ट 192 कहता है। मोटर वहिकल्स एक्ट के अनुसार वाहन अगर निजी उपयोग के लिए है तो ही उसे प्राइवेट पासींग, रजिस्ट्रेसन कर दर्जा मिलता है, जिसकी नंबर प्लेट सफ़ेद होती है, वहीं अगर वाहन टूरिस्ट अथवा किसी कंपनी को किराए पर देना हो तो उसकी नंबर प्लेट पीली होती है, यह तो सभी जानते है, लेकिन दोनों संध प्रदेशों के सरकारी अधिकारी शायद पीली नंबर प्लेट के वाहन में सफर करना अपनी शान के खिलाफ समझते है, इसी लिए वह मोटर वहिकल्स एक्ट की शान को धूमिल कर रहे है।
दमन के विधुत विभाग, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग जैसे कई विभाग है जिनमे कई वाहन किराए पर लिए गए है, लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन सफ़ेद पट्टी है यानि प्राइवेट पासींग, जबकि उनका रजिस्ट्रेशन नियमानुसार पीली पट्टी होना चाहिए, यानि पीली पट्टी में, लेकिन ऐसा नहीं है।
इसके आलावे वापी के एक्साइज़ विभाग, दमन का एक्साइज़ विभाग, आयकर विभाग जैसे कई अन्य विभाग है जिनमे नियमों को ताख पर रख प्राइवेट पासींग के वाहनों को ठेके पर लिया गया, जो नियमानुसार गलत है।
अब संध प्रदेश दमन-दीव व दानह आर-टी-ओ निरीक्षक इस मामले में त्वरित संज्ञान लेकर, उन तमाम वाहनों को कब जप्त करेंगे यह देखने वाली बात है, लेकिन इस मामले से यह तो साफ जाहिर होता दिखाई दे रहा है कि इस संध प्रदेश में अनियमितता फैलाने वालों की भरमार है जिसका कोई अंतत नहीं, भूचाल न्यूज नेटवर्क पहले भी संध प्रदेशों में हुई अनियमितताओं के खुलासे करती रही है और आगे भी अगर अनियमिता देखी गई तो भूचाल न्यूज नेटवर्क खुलासे करती रहेगी। शेष फिर।