आम की पेटियों पर अशोक चक्र। किन किन मंत्रियों संत्रियों तक पहोचेंगे सांसद लालू पटेल के आम ?

आम की पेटियों पर अशोक चक्र। किन किन मंत्रियों संत्रियों तक पहोचेंगे सांसद लालू पटेल के आम ? | Kranti Bhaskar

दमन : संध प्रदेश दमन-दीव सांसद सरकार में रहकर सरकार का नुकसान भी कर रहे है, अपने पद और अधिकार का दुरुपयोग भी कर रहे है, और सरकारी सम्पति एवं मशीनरी को अपने निजीहित के लिए इस्तमाल भी कर रहे है, यह कहां जा रहा है इस मामले को देखते हुए।

संध प्रदेश दमन-दीव के सांसद लालू पटेल के विजिटिंग कार्ड आम की पेटियों पर चिपके मिले और आम का सफ़र भी वातानुकूलित अगस्त क्रांति राजधानी एक्स्प्रेस में दिल्ली तक तय हो गया, ना हीं कोई चालान या रशीद बनी कोई सेवा शुल्क, बिना किसी रोक टोक के उस वातानुकूलित एक्स्प्रेस ट्रेन में 30 आम की पेटियाँ लाद दी गई, जिसे प्रथम श्रेणी की एक्स्प्रेस ट्रेन कहां जाता है।

अब इसे सांसद होने का फाइदा बताया जाए या रेल्वे के साथ दादागिरी, की लगेज़ डब्बे में नहीं बल्कि मुशाफ़िरों के बैठने वाले एच-1 से होकर पेंटरी तक पाहुचा दिया, जिसे दिल्ली स्टेशन पर बिना शुल्क और रशीद के उतार लिया जाएगा। जितनी मनमानी इस मामले में सांसद लालू पटेल की देखी गई उतना ही लापरवाह रेल्वे प्रबंधन देखा गया है, क्यों की इस तरह यात्री कोच के रास्ते पेंटरी तक आम का पहुचाना दंडनीय अपराध भी है और रेल्वे को चुना भी, लेकिन इसमे कर्मचारी भी क्या करें पेटी पर सांसद का विजिटिंग कार्ड जो चिपका हुआ पाया गया। सांसद महोदय शायद अपने पद और पावर के नशे में भूल गए की आम की पेटियों पर अपना अशोक चक्र वाला विजिटिंग कार्ड लगाकर, अशोक चक्र और इस देश का अपमान कर रहे है।   

वैसे अब सवाल यह उठता है की यह आम की पेटिया दिल्ली में किस मंत्री और संत्री को बांटी जाएगी ? और किस रूप में किस प्रयोजन से यह आम बटेंगे ? क्या इन आम की पेटियों में सिर्फ आम ही है ? क्या इन आम की पेटियों को बतौर रिश्वत दिया जाएगा ? क्यों की इतने आम सांसद अकेले तो हज़म नहीं कर सकते क्यों की रेल्वे प्रबंधन ने बताया की यह अभी कुछ दिन पहले सोमवार को सांसद लालू पटेल 60 पेटी आम राजधानी में ले गए थे, तो फिर वह आम कहां कहां बटें होंगे ?

दमन-दीव की भोली भाली और गरीब जनता को तो गुटलिया तक नसीब नहीं होती और यहां के सांसद दिल्ली में आम बांट रहे है। वाह सांसद महोदय वाह शायद दमन-दीव की जनता ही पूछेगी आपसे की इतने आम का राज़ क्या है?