
सिलवासा : संघ प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली के प्राथमिक स्कूलों में इनदिनों काफी धूमधाम से शाला प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है. इसी क्रम में मंगलवार को दादरा एवं नगर हवेली के पूर्व सांसद मोहन डेलकर की उपस्थिति में केन्द्र शाला रांधा में शाला प्रवेशोत्सव मनाया गया. इस प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में हाजरी देने पहुंचे मोहनभाई डेलकर, जिला पंचायत अध्यक्ष रमण काकवा, उपाध्यक्ष महेश गावित का स्कूल परिवार तथा ग्रामजनों द्वारा परंपरागत वाद्ययंत्रों एवं भवाड़ा नृत्य के साथ जोरदार स्वागत किया गया. इस शाला प्रवेशोत्सव में केन्द्र शाला रांधा तथा आसपास के स्कूलों के करीब १७७ बालकों को प्रवेश दिया गया एवं इन तमाम बालकों को मोहन डेलकर तथा अन्य आमंत्रित मेहमानों के हाथों शैक्षणिक सामग्रियां प्रदान की गयी.

इस अवसर पर मोहन डेलकर ने कहा कि इस प्रदेश का मैने ६ टर्म तक सांसद के रूप में नेतृत्व किया है, इस प्रकार के कार्यक्रम में हाजिरी देना यह मेरी नैतिक जवाबदारी एवं फर्ज बनता है. आज यह अवसर प्राप्त हुआ इसकी काफी खुशी है. मोहन डेलकर ने कहा कि प्रदेश के प्रशासक प्रफुल पटेल, प्राथमिक शाला के प्रवेशोत्सव में हाजिरी दिये जो काफी गर्व की बात है. प्रशासक के इस प्रयास से एक अच्छा संदेश प्रदेश की जनता में गया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि दानह में शिक्षण का स्तर ऊंचा लाने के लिए सामूहिक प्रयास करना पड़ेगा, शिक्षण विभाग के साथ-साथ विद्यार्थियों के अभिभावकों तथा ग्रामजनों भी यह नैतिक जवाबदारी ले लेंगे तो आने वाले दिनों में विद्यार्थियों को अच्छा भविष्य जरूर मिलेगा. अच्छा शिक्षण प्राप्त किये हुए विद्यार्थियों अच्छा समाज बनाने में महत्व की भुमिका निभाते है, ऐसा उदाहरण देते हुए मोहनभाई डेलकर ने समाज के विकास में शिक्षण के महत्व को समझाया. भारत सरकार के शिक्षण के अधिकार के प्रति के अभियान में दानह जिला पंचायत सक्रिय बनकर काम कर रही है. जिला पंचायत प्रदेश में शिक्षण स्तर ऊंचा लाने एवं शिक्षकों के व्याजबी प्रश्नों को हल करने में सक्रिय रहेगा, ऐसी भावना व्यक्त की. अंत में मोहनभाई डेलकर ने जीवन के नये राह पर कदम रख रहे तमाम बालकों अपने अभ्यास का प्रथम पड़ाव सफलतापूर्वक पार करें ऐसी शुभकामनाएं दी. इससे पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष महेश गावित ने कहा कि शिक्षण ही ऐसा माध्यम एवं परिबल है जिसके कारण विश्व पटल पर आपकी अनोखी पहचान हो सकती है. जबकि जिला पंचायत प्रमुख रमण काकवा ने कहा कि शिक्षण क्षेत्र में भेदभाव बगैर जवाबदारी निभा रहे है.