
संध प्रदेश दमन-दीव व दानह के किस अधिकारी को कोनसे विभाग का प्रभार देना है वैसे तो इस पर विचार दमन-दीव व दानह प्रशासन के अधिकारी करते रहे है। लेकिन क्रांति भास्कर को सूत्रो से पता चला है कि दमन-दीव व दानह के कई अथित भ्रष्ट अधिकारी ऐसे है जिनके ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे मामलों में, एस एस यादव को दिल्ली से तथा अन्य प्रदेशों से शिफारिशी कॉल आते रहे है।
बताया जाता है कि यह सिफ़ारिसी कॉल उन अधिकारियों के रहे जिनहोने पूर्व में दमन-दीव व दानह में कई विभागों के सचिव पद पर सेवा दी। अब दमन-दीव व दानह के तत्कालीन सचिवों ने पूर्व में जिन अधिकारियों के साथ बंदरबांट किया था उनकी शियाफरिश तथा मनचाहे विभाग में मनचाहे पद पर नियुक्ति के लिए दमन-दीव व दानह प्रशासक प्रफुल पटेल के सलाहकार एस एस यादव को कोई फोन करें और प्रशासक प्रफुल पटेल को पता ही ना हो यह बात तो हजम नहीं होती।
फिर भी यदि प्रशासक प्रफुल पटेल इतने ही ईमानदार है और इस शिफारिसी कॉल के बारे में उन्हे कुछ पता नहीं है तो सीबीआई को बोले की प्रशासक के सलाहकार एस एस यादव को आए तमाम फोन कॉल की जांच करें तथा एस एस यादव से प्रत्येक कॉल के विषय में विस्तार से पूछ-ताछ करें। यदि ईमानदार प्रशासक प्रफुल पटेल इस मामले में भी अन्य मामलों की तरह चुप्पी साधे बैठे रहे तो फिर उनकी संलिप्तता तथा सहभागिता शंका करना जाहीर है।
क्रांति भास्कर ने दमन-दीव व दानह प्रशासन के कई मामलों में सवाल उठाए, कई मामलों में जांच की मांग की तथा कई भ्रष्ट अधिकारियों के निलंबन की मांग की, लेकिन प्रशासक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे, शायद यही कारण है कि अब दमन-दीव व दानह प्रशासन का हाल यह हो गया है कि अधिकारी पद और विभागो का बंदरबाट कर रहे है।
किस अधिकारी पर कितनी शिकायते है तथा कितने आरोप है यह जानने के बाद भी, आरोपी अधिकारी की जांच किए बिना उसे अतिरिक्त प्रभार देने का अर्थ है की प्रशासन में सब मिले हुए है और उन सब की लिस्ट में अब ईमानदार प्रशासक प्रफुल पटेल का नाम भी शामिल होना शुरू होने लग गया है! हो सके तो इस मामले की सीबीआई जांच से प्रशासक प्रफुल पटेल अपने ऊपर उछले कीचड़ को धोने की शुरुआत करें, हो सकता है इस मामले की जांच से आपके ऊपर अभियंता इंगले के मामलो में जनता के मन में जो सवाल चल रहे है उनका भी जवाब जनता को एक साथ मिल जाए। शेष फिर।