
शिक्षा के लिए निजी स्कूलों द्वारा, कभी फीस के नाम पर, तो कभी डोनेशन के नाम पर, तो कभी पेनल्टी के नाम पर मनचाही उगाही और मनमानी से कई बार अभिभावक परेशान देखे गए। इतना ही नहीं कई स्कूलो ने तो अभिभावकों को यह आदेश तक सुना डाला की उन्हे स्कूल के छात्रो के लिए कपड़े और किताबे कहां से और किस दुकान से लेनी है। स्कूल प्रबंधन की इस दादागिरी और मनमानी के सामने ज़्यादातर अभिभावक मजबूर ही दिखाई दिए, ना चाहते हुए भी उन्हे स्कूल प्रबंधन की उन तमाम शर्तों और आदेश को मानना ही पड़ता रहा, जिससे उनके बच्चे की शिक्षा और भविष्य पर कोई सेंध ना लग सके।
फिलवक्त पुनः स्कूलों में नए दाखलों तथा एडमिशन का समय आरंभ होने को है ऐसे में अब इस बार स्कूलों की मनमानी और मनचाही उगाही पर अभिभावकों को कितनी राहत मिलगी यह तो समय बताएगा, लेकिन स्कूल प्रबंधन तथा स्कूलो द्वारा दाखले/एडमिशन के नाम पर लिए जाने वाले डोनेशन पर कुछ खास नाम एवं जानकारियाँ क्रांति भास्कर को मिली है।
एडमिशन के लिए स्कूल मांगे डोनेशन, तो इस नंबर पर 1064 कॉल करें एंटी करप्शन ब्यूरो को।
वलसाड, परडी, वापी, सरिगांव, उमरगांव तथा दमन एवं सिलवसा में भी ऐसी कई निजी स्कूल एवं कॉलेज बताई जाता है जो भारी-डोनेशन के बिना, नए बच्चो को एडमिशन नहीं देते। क्रांति भास्कर के पास वापी तथा वापी के आस-पास स्थित स्कूलो के नाम सामने आए है, जिनमे वापी चला में स्थित स्वामी नारायण (गुरुकुल), तथा सलवाव में स्थित स्वामी नारायण स्कूल का नाम सबसे ऊपर बताया जाता है, इसके अलावे वाटर में स्थित पोदार, जी-आई-डी-सी में स्थित ज्ञानधाम, एवं सरीगांव में स्थित लक्ष्मी विध्यापीठ स्कूल भी अपने भारी-डोनेशन की मांग को लेकर काफी चर्चे में रह चुके है। लेकिन इस बार इन तमाम स्कूलो द्वारा अभिभावकों से डोनेशन मांगने पर गुजरात के एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा गाज़ गिरेगी, बस अभिभावकों को एक फोन करना होगा, नंबर है 1064, यह नंबर एंटी करप्शन ब्यूरो का है।
डोनेशन मांगा तो एंटी करप्शन ब्यूरो, स्कूलो के खिलाफ करेगा मामला दर्ज!
बताया जाता है की मनचाही फीस और डोनेशन के चक्कर में परेशान अभिभावकों के लिए गुजरात एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक राहत की खबर दी है। अब स्कूल व कॉलेजों में एडमिशन के लिए डोनेशन मांगने पर अभिभावक 1064 नंबर पर फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं, एंटी करप्शन ब्यूरो स्कूल कॉलेजों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करेगा। वही एंटी करप्शन ब्यूरो के एडिशनल डायरेक्टर हसमुख पटेल का कहना है कि स्कूल फीस के अलावा डोनेशन के नाम पर चेक या कैश अभिभावकों से लेते है तथा उसके बदले में यदि कोई रसीद नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ भी मामल दर्ज किया जाएगा।
15000 से 27000 तक ही सालाना फ़ीस वसूल सकेगी स्कूलें।
इसके अलावे गुजरात सरकार ने हाल ही में स्कूल फीस के लिए नए नियम भी जारी किए हैं ऐसी जानकारी मिली है कि राज्य सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए फीस की ऊपरी सीमा तय की है तथा इन नए नियमों के तहत प्राइमरी क्लासेज के लिए 15,000 रुपए, मिडिल स्कूल के लिए 25,000 रुपए और हाइयर-सेकेंडरी क्लासेज के लिए 27,000 रुपए से ज्यादा की सालाना फीस नहीं वसूली जा सकती है।