वापी गुंजन में, तीन मंजिला इमारत हुई जमींदोंज, चार-पांच लोगों के दबने की आशंका

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वापी के गुंजन क्षेत्र के गौतम किराना स्टोर के सामने स्थित हाउसिंग बोर्ड की एलआईजी -2 बिल्डिंग धराशाई हो गई। शाम करीब पौने आठ बजे हुई इस घटना के बाद पूरे इलाके में भगदड़ मच गई। सूचना के कुछ समय मे ही पुलिस और दमकलकर्मियों का काफिला मौके पर पहुंच गया और मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम शुरु कर दिया।

जानकारी के अनुसार करीब 35 से 40 साल पुरानी तीन मंजिला इमारत का आधा हिस्सा गिर गया है। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार मलबे मे चार से पांच लोगों के दबे होने की आशंका है। राहत कार्य में जुटे बचावदल के लोगों के अनुसार मलबे में दबे दो लोगों के कुछ समय के लिए मोबाइल पर संपर्क भी हुआ था। अंधेरा होने के कारण शुरु में बचाव दल को कार्य करने में परेशानी हुई। जिसके कारण एम्बुलेन्स और दमकल गाडिय़ों की लाइटें चालू कर काम शुरु किया गया। कुछ देर बाद दो जेसीबी मशीनें मंगवाई गई जिसके बाद काम में तेजी आई। इस दौरान घटना की जानकारी पाकर मौके पर आला अधिकारियों समेत पुलिस का काफिला पहुंच चुका था। राहत कार्य में बाधा बन रही भीड़ को हटाने में पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। घटना स्थल पर वापी इमरजन्सी टीम समेत एम्बुलेन्स की कई गाडियां तैयार थी। समाचार लिखे जाने तक एक वृद्ध पुरुष और वृद्ध महिला को मलबे से निकालकर हरिया अस्पताल मे पहुंचाया जा चुका था। जबकि अभी भी काफी संख्या में बचावकर्मियों की मदद से मलबा हटाने का काम जारी था। गौरतलब है कि हादसा स्थल  के पास ही सैकड़ों सब्जी व अन्य सामान विक्रेता लारी ठेला लगाते हैं। इनमें से कई ने बताया कि घटना के बाद जोरदार धमाका हुआ था। जैसे लगा किसी ने पटाखा फोड दिया हो। घटना स्थल पर राजनीतिक दलों के लोग भी पहुंच गए थे।

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गौरतलब है कि काफी जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी इस बिल्डिंग के नीचते तल पर दुकान भी थी। जिसमें साबुन, शैम्पू और वाशिंग पावडर समेत अन्य चीजें बेचने वाले दुकानदार ने बताया कि गिरने से पहले बिल्डिंग हिलने लगी थी। जिसके कारण वह दुकान छोडक़र बाहर निकल गया और एक बालिका को बिल्डिंग में रहने वालों को सूचित करने के लिए भेजा। बालिका ने उपर पहुंचकर कुछ लोगों को बिल्डिंग के कंपन के बारे मे भी बताया। मगर कई लोग नहीं नीचे आए। जैसे ही वह बालिका बिल्ंिडग से नीचे उतरी और उसके तुरंत बाद बिल्डिंग जमीदोंज हो गई।

इमारत के गिरने के दौरान उसके पास ही खड़े राजपत यादव ने बताया कि बिल्डिंग हिलता देख कुछ लोग उसमें से निकले मगर कुछ देर में ही बिल्डिंग जमीन पर आ गई थी। उसके गिरने के बाद धूल मिट्टी का गुबार इतना गहरा था कि कुछ देर के लिए अँधेरा छा गया था। जैसे ही घटना की हकीकत का एहसास हुआ यहां भयभीत लोगों मे भगदड़ मच गई। अब भी घटना को याद कर जी घबरा रहा है।