वापी की जनता पहले से ही औधोगिक इकाइयों के प्रदूषण से परेशान है और इसमे अब मनमाने ढंग से जलता हुआ ओधोगिक इकाइयों का कचड़ा मानों वापी की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
वापी के नेशनल हाइवे नंबर 8 पर बलिठा के पास हाइवे पर भारी मात्र में उधोगिक इकाइयों का वेस्ट जलाया जा रहा है इस वेस्ट से जनता के स्वास्थ्य को कितना नुकसान होगा यह तो वापी प्रदूषण नियंत्रण समिति के अधिकारी ही जनता को बताए तो अच्छा होगा, लेकिन शायद वह इस मामले में यह कहकर किनारा कर ले की सड़क पर जलते हुए उधोगिक कचड़े पर उनका नियंत्रण नहीं है, लेकिन यह जवाब देने से पहले वह यह भी याद करने की उनकी अनुमति ने बिना तथा उनकी निगरानी के बिना उधोगिक इकाइया अपना कचड़ा आम जगहों पर नहीं डाल सकती यदि इकाइयों को आम जगहों पर कचड़ा डालकर जलाने की अनुमति होती तो फिर इस विभाग द्वारा उन पर नजर एवं नियंत्रण रखने की आवश्यकता ही नहीं होती।
अब यह कचड़ा किस कंपनी का है यह तो पता नहीं लेकिन जिस किसी कंपनी का उस कंपनी पर नजर रखने वाले अधिकारी कैसी नज़र रख रहे है यह जनता अच्छी तरह देख रही है। शेष फिर।
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